Tuesday 8 May 2007

क्या विधायक जी बेटिकट ही जियेंगे

कल शाम टीवी पर एक खबर देख रहा था । पटना से कोई स्टोरी थी कोई सत्तारुद दल के विधायक जी थे गाड़ी पार्क करने के लिए पार्किंग वाले ने उनसे ५ रूपये मँगाने कि गलती कर दी थी । फिर क्या था विधायक जी और उनके भाई लोग पिल पडे और कर दी उनलोगों कि धुनाई । उनके माफ़ी मँगाने पर भी कि हमने आपको पहचाना नही, वे कहॉ मानने वाले थे । विधायक जी का कहना था कि पटना मे ऐसा कौन है जो हमे नही पहचानता ? अरे विधायक जी कौन नही पहचानेगा आप लोगो को भाई आप ही लोग तो जनता के मई-बाप हो ।

आब हमारी व्यवस्था ही ऐसी है कि हमारे नेता लोग (समाज को लीड करने वाले नही, दादागीरी वाले नेता लोग) कानून से भी ऊपर है । लेकिन आम आदामी को भी तो पता होना ही चाहिए ना की नेता लोग पार्किंग करने जाये, सिनेमा हाल मे जाये या फिर शराब कि दुकान पर जाये तो उनसे कोई किसी भी तरह के शुल्क कि माँग नही करेगा । अब भाई ये तो सरकार को एक आदेश जारी कर पब्लिक को बताना पडेगा । नहीं तो पार्किंग वाले कि तरह ही लोग गलतिया करते रहेंगे । अब उस पार्किंग वाले कि क्या गलती है कि वो बेचारा ये नही जानता था कि विधयाक जी के पास उसे देने के लिए ५ रूपये भी नही थे ।... तभी टीवी पर दुसरी खबर पर नजर गयी कोई एंकर कह जुए था कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है । अब भईया वो तो होना ही था जब हमारे देश में ऐसे विचार वाले नेता जी लोग है तो अपना लोकतंत्र सबसे बड़ा तो होगा ही ना ।

1 comment:

Raj partap said...

vidhaayak to vidhayak unke ristedar aur parivar wale bhi khud ko prashasan ka mukhya taj mante hai.Lalu ji ke samay me to unke gaon wale bhi apni dhak jamane ke liye lalu ka nam lete the . Lalu ne apni patne ko mukhyamantri bana diya aur sale ko sare adhikar de diya.Ab sushasan ke duhai dene wali sarkar bhi usi itihas ko duhara rahi hai .Akhir nirdosh aur nirih janta kaha jaaye ,kisko apna dard sunaye,na to koi adhikari sunta hai na hi koi neta.Aur to aur ab to nyayaalay me bhi bhrastachar ne apni jare gahri kar li hai aur kuch mamlo me judges ki apradhiyo se jure hone ki bhi khabre samne aaye hai .

continue.....