Saturday 26 May 2012

टीम अन्ना की भ्रष्टाचार पर सरकार को खुली चुनौती...अब क्या करेगी सरकार...

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे समाजसेवी अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा 14 केंद्रीय मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगाए हैं। टीम अन्ना ने इस बारे में दस्तावेज के साथ एक पत्र प्रधानमंत्री को भेजा है। 24 जुलाई, 2012 तक इस पर कोई कार्रवाई न करने पर टीम अन्ना ने आंदोलन की चेतावनी दी है। टीम अन्ना ने प्रधानमंत्री से कहा है कि "सख्त लोकपाल कानून इसलिए पारित नहीं कराया जा रहा क्योंकि यह नेताओं के भ्रष्टाचार को रोकेगा और नेता अपने खिलाफ कानून पारित नहीं कराना चाहते। आपके मंत्रिमंडल के 34 में से 15 मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगते रहे हैं। हमने इन्हीं आरोपों की जानकारी इकट्ठी की है। ये आरोप हम नहीं लगा रहे हैं, बल्कि ये सुप्रीम कोर्ट और सीएजी जैसी सर्वोच्च संस्थाओं ने लगाए हैं।" सीबीआई पर सवाल उठाते हुए टीम अन्ना ने कहा है कि सीबीआई उन्हीं के कंट्रोल में है, जिनके खिलाफ उसे जांच करनी है। यही वजह है कि आज तक सीबीआई केवल 3 नेताओं को सजा दिलवा पाई है। टीम अन्ना ने इन सबके खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक स्वतंत्र जांच दल बनाए जाने की मांग की है। टीम अन्ना ने कहा है कि जांच दल को सभी सुविधाएं मिलें और वह अपनी जांच 6 महीने में पूरी करे। टीम अन्ना ने 6 रिटायर्ड जजों के नाम देकर कहा है कि जांच दल का अध्यक्षता इन्हीं में से कोई हो। टीम अन्ना ने अपने खिलाफ भी लगाए गए आरोपों की जांच इसी दल द्वारा कराए जाने की मांग की है और आरोप साबित होने पर कानून में तय सजा से दोगुनी सजा देने के लिए कहा है।

हमेशा शासन में सुचिता और साफगोई की बात करने और खुद को आम आदमी की हितैषी बताने वाली इस सरकार के मुखिया और इमानदारी की छवि की हमेशा बात करने वाले प्रधानमंत्री महोदय और उनकी पार्टी के और नेताओं को इन आरोपों की स्वतंत्र जांच कराके देश के समक्ष अपनी इमानदारी साबित करनी चाहिए...अगर वे वाकई सच्चे हैं वरना इन आरोपों के बाद जरूरी नियत पर सवाल उठेंगे। अब जरूर सामने आकर अपनी सफाई पेश करनी होगी क्योंकि कई घोटालों और भ्रष्ट्चार के आरोपों के बाद अब सरकार वाकई जनता की नजर संदेहास्पद हो रही है...