Saturday 19 May 2007

क्या होगा धन्नो का

कल टीवी पर देख रहा था अपनी धन्नो को किसी न्यूज़ चैनल पर । बहुत बदल गयी है अपनी धन्नो , थोड़ी दुबली-पतली और नखरीली लग रही थी । काफी बदल है अपनी, शोले में देखा था तब तो बड़ी गद्रिली सी थी कल तो वो बड़ी सलीम-ट्रिम दिख रही थी । अब अच्चा ही है अगले चुनाव में चम्बल वाले ले जायेंगे चुनाव प्रचार के लिए । अपनी सेलिना जेटली और करीना कपूर से कम भीड़ थोदेही खिंचेगी धन्नो ।

अब किसे याद थी धन्नो । हम तो बहिया भूल ही गए थे अपनी धन्नो को । वो तो अचानक टीवी वालों ने दिखा दिया वरना हमे कहा याद आता । अब अपने गब्बर सिंह जी तो रहे नही, अपने वीरू भई तो राजनेता हो लिए, अब उन्हें जेल जाने का कोई खतरा तो रहा नही , और अपने बडे भईया जे पाजी की दुकान भी अच्छी चल निकली है तो भैया रह गयी थी बस धन्नो । तो अब टीवी वालों ने उसे भी भले काम पर लगा ही दिया है । वरना अपनी मौसी तो इसी फिक्र में मे मरी जा रही थी कि क्या होगा उसकी धन्नो का..

3 comments:

Udan Tashtari said...

चलो, यह भी ठीक रहा. अब मौसी चैन से...रह सकेंगी.

परमजीत सिहँ बाली said...

चलो धन्नों की फिक्र करने वाला कोई तो है।

Sanjeet Tripathi said...

ऊ का है ना भैया, इ जो सबसे तेज़ खबरिया चैनलवा है ना, उका लोगन को लगत रहा कि उ लोग थोड़ा कम बोलता है इहै कारन से इ लोग ज्यादा बोलन के खातिर धन्नो को लिवा लाएं है