Friday 4 January 2008

सुरापान में गाँव वाले शहरवालों को दे रहे हैं टक्कर।

वैसे देश में शराब पर खुलकर बात करना अच्छा भले ही ना माना जाता हो लेकिन आज इसका बाजार कई हजार करोड़ रूपये में पहुंच चुका है। साहित्यकार हरिवंश राय बच्चन ने मधुशाला में इसपर खुलकर चर्चा की है। इसपर खुलकर चर्चा होनी भी चाहिऐ। आख़िर एक बड़ी आबादी इसका सेवन करती है। अब आइये देश में शराब से जुडे कुछ आंकडो पर गौर फरमाते हैं। आपने विकास के लिए शहर और गाँव के बीच तुलनात्मक अध्ययन तो बहुत पढे होंगे। मसलन अब गाँव भी तेज विकास की ओर या विकास में शहरों को टक्कर दे रहें है गाँव वगैरह-वगैरह। लेकिन आपको ये जानकार हैरत होगी कि भारत के गाँव सुरापान में भी शहरों को टक्कर देने कि स्थिति में आ रहे हैं।

अगर एसोचैम की रिपोर्ट की माने तो गांवों और छोटे कस्बों में शराब की खपत बहुत तेजी से बढ़ रही है। एसोचैम का अनुमान है कि चालू वित्त-वर्ष के अंत तक ये खपत ५०० करोड़ रूपये तक पहुंच सकता है। एसोचैम का अनुमान है कि चालू वित्त-वर्ष में देश में ८५ लाख लीटर शराब बिक्री कि उम्मीद है, जिसमें से गांवों और छोटे कस्बों का हिस्सा ३५ लाख लीटर का होगा। यानी की करीब ४० फीसदी शराब गांव वाले गटक जा रहे है। एसोचैम के इस रिपोर्ट से इत्तर मैं ये भी साफ कर दूँ कि ये केवल एक रिपोर्ट है। गांवों और छोटे में इससे कितना गुना ज्यादा शराब छोटे स्तर पर बँटा है और बिकता है जिसका कोई आंकड़ा एसोचैम के पास नहीं पहुंच सकता। और हां ये कोई छुपा हुआ रहस्य भी नहीं है बल्कि गांवों में इसका कारोबार खुलेआम होता है।

ये आंकडे गांवों की सेहत सुधारने के लिए उठाये जा रहे तमाम सरकारी प्रयासों के लिए गंभीर चिंता का विषय हो सकती है. शराब के अलावा तम्बाकू और गुटखा वगैरह का एक बड़ा बाज़ार भी इन्हीं ग्रामीण इलाकों में है। एक तरफ गांवों में रोजगार गारंटी और तमाम योज्नावों के माध्यम से सरकार वहाँ के लोगों के पॉकेट को भरने में लगी है दूसरी ओर सुरापान में इन इलाकों का करोड़ों रुपया जा रहा है। वैसे शहरों और गांवों में अब एक बात समान हो गयी है की किसी भी खास दिन को मनाने के लिए लोग सुरापान का मौका जाने देने को तैयार नहीं है। अब पहली जनवरी के दिन दिल्ली के एक अखबार ने शीर्षक दिया था कि नए साल पर करोड़ों की शराब गटक गए दिल्ली वाले। भैया दिल्ली वालो अब सचेत हो जाओ वो दिन दूर नहीं जब गाँव के लोग भी आपके इन रेकोर्ड को चुनौती देने लगेंगे।

1 comment:

sushant jha said...

भाई हिला दिया तुम ने.....सही कहा बच्चन ने- मंदिर मस्जिद वैर कराए मेल कराए मधुशाला....