Sunday 27 January 2008

बाबा ने कहा- इस बार किस्मत जरूर बदलेगी।

इस बार गाँव जाना हुआ। वहां पर कई साधू-महात्मा लोगों से मुलाक़ात हुई। वहाँ कि दुनिया वैसी ही है। बाबा लोगों के लिए गाँव अभी भी ठौर बने हुए है। ऐसे ही एक बाबा आये हुए थे। परिवार के सब लोगों को भविष्य की किस्मत का चिटठा बंचवाते देखा तो सोचा कुछ अपने बारे में भी जानता चलूँ। कौन नहीं चाहता की उसे उसके भविष्य के बारे में पता चले। मैंने भी झट से पंडित जी के आगे हाथ पसार दिया। मैंने सोचा परिवार के फीस में ही अपना भी काम चल जायेगा। बाबा ने कुछ देर ह्थेली को देखा। करीब ४-५ सेकंड तक। फिर बोले बच्चा अब तेरे अच्छे दिन आ गए हैं। मैं नहीं समझ सका इन ४-५ सेकंड में बाबा को मेरे हाथ में ऐसा क्या दिख गया। बाबा ने कहा बस एक पत्थर चांदी की अंगूठी में लगाकर पहन ले और भी अच्छे दिन आ जायेंगे। इतना सुनना था की मेरे दादा जी का कान उनकी बात पर आकर ठहर गई। झट से कलम मंगाया गया और पंडित जी को देकर कहा गया पत्थर के बारे में पूरा डीटेल लिखकर दे दीजिए। मैंने हाथ बढाया लेकिन लोगों को मुझपर भरोसा नहीं था, उन्हें लग रहा था की शायद कहीं गलत नाम ना लिख दूँ इस लिए पंडित जी के हाथ से ही लिखवाना बेहतर होगा। मैंने भी लोगों की इक्षा को देखते हुए पंडित जी के हाथों से अपनी किस्मत लिखता हुआ देखने की बात मान ली। अगर कोई विरोध करता तो आस्था तोड़ने का आरोप झेलना पड़ता।

इससे पहले भी कई बार मेरे बारे में ज्योतिष लोगों ने कई-कई भविष्यवानियाँ की है लेकिन पता नहीं क्या हुआ लेकिन इस बार की भविष्यवावाणी के बाद लग रहा है की शायद किस्मत का हाल कुछ-कुछ वैसा ही बदल जायेगा जैसे कि नीतिश सरकार के आने के बाद बिहार की जनता को लगने लगा है कि राज्य की किस्मत जरूर बदल जायेगी. यही हाल है एक मेरे मित्र का भी. वे बेचारे फील गुड के चक्कर में हमेशा ज्योतिष के चक्कर में फंसते रहते हैं। अब एक दिन उनके किसी ज्योतिष ने कह दिया की आपकी कुंडली में बुढापे तक प्रेम का योग है। अब क्या था उनकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। मेरा भी मानना है कि उनके अतीत को देखकर उनके भविष्य के बारे में पंडित जी का आकलन जरूर सही होना चाहिए।

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