Saturday 10 November 2007

नंदीग्राम का भी अपना इतिहास होगा !

आने वाले समय में जब भारत का इतिहास लिखा जाएगा तब नंदीग्राम का भी एक पन्ना होगा। एक ऐसी जगह जगह लोग अपनी जमीन के लिए लड़ते रहे, लगातार लोगों ने संघर्ष किया। केवल सरकारी मशिनरी से नही बल्कि पार्टी के कार्यकार्ताओं से भी। ये लड़ाई भी कुछ दिनों कि नही बल्कि महीनों तक चली और अब भी चल रही है। यहाँ आकर सरकारी तंत्र फेल है, और वामपंथ का वो नारा भी कि लोगों कि भलाई उसे सत्ता से ज्यादा प्यारी है। नंदीग्राम में लड़ने अपनी जमीन के लिए लड़ने वाले कोई पूंजीवादी या जमींदार नहीं बल्कि आम किसान हैं, जिनकी राजनीति वाम दल करते आये हैं। आज यही किसान इन पार्टी के कार्यकार्ताओं से लड़ रहे हैं। यही वामपंथी दल के लोग पाकिस्तान में मार्शल ला लगाने का विरोध कर रहे हैं और बुश को भारत का इतिहास समझाने में लगे हुए हैं। लेकिन उन्हें अपने लोगों के खिलाफ लड़ाई कर रहे अपने कार्यकार्ताओं को समझाने का समय नहीं है।

कई महीने हो चुके हैं। केन्द्र में सत्ता बचाने के लिए कुछ भी करने वाली कांग्रेस कि सरकार (नारा- कांग्रेस का हाथ आम आदमी के साथ) ने भी कुछ नही किया, और ना ही सत्ता कि दूसरी दावेदार भाजपा ने कुछ किया। किसी को किसानों कि लड़ाई से कुछ लेना-देना नही हैं। लेकिन नंदीग्राम के किसान अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं। और आख़िर तक लडेंगे।.......वो अपना इतिहास खुद लिखेंगे, क्युकी यही लड़ाई उनके अस्तित्व का भविष्य तय करेगा । यहीं से उनका इतिहास लिखा जाएगा।

1 comment:

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत सही विचार प्रेषित किए हैं।यह एक सच्चाई है कि करना कराना कुछ नही है सरकार ने...बस प्रचार ही होता रहता है।