Saturday 3 November 2007

ऑर्कुट अकाउंट के लिए हो सकता है जेल, हुआ भी है!

मैं आपको जो खबर बताने जा रहा हूँ वो हम सब इंटरनेट को चबाने वाले भाई लोगों के लिए बहुत अहम है। खबर ऑर्कुट कि है। इस खबर का मतलब हम सब ऐसे लोगों से है जो ऑर्कुट पर जाते है और बेबाक तरीके से लोगो और ग्रुप को जोड़ने का काम करना अपना हॉबी मानते हैं। मैं निचे जो ह-बहु देने जा रह हूँ, संजय लीला भंसाली या मधुर भंडारकर कि किसी आने वाली फिल्म कि स्क्रिप्ट नहीं बल्कि नवभारत तिमेस कि वेबसाइट पर लगी एक खबर है। किसी भी दिन पुलिस आपके घर पहुंच सकती है और आप भी कैलाश भी कि तरह कोई टोपी पहना दिए जाओगे ..........................................
खबर -----
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ऑर्कुट अकाउंट के लिए 50 दिन जेल में
31 अगस्त की अल सुबह लक्ष्मण कैलाश बेंगलुरु में अपने घर में गहरी नींद में थे। अचानक 8 पुलिसवाले उनके घर पहुंचे। पुणे से आए ये पुलिसवाले जोर-जोर से उनका दरवाजा खटखटाने लगे। कैलाश ने दरवाजा खोला तो इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी एक्ट उनके उनींदे से मुंह पर मार दिया गया।
पुलिसवालों ने उनसे कहा कि कपड़े पहनो, तुम्हें शिवाजी के अपमान के आरोप में हम पुणे ले जाएंगे। कैलाश ने कहा कि वह तो किसी शिवाजी को नहीं जानते।

पुलिस ने बताया कि बात छत्रपति शिवाजी की हो रही है और उनकी एक अपमानजनक तस्वीर ऑर्कुट पर अपलोड की गई है। उसी वेबसाइट का पीछा करते-करते वे कैलाश तक पहुंचे थे।
कैलाश की बात नहीं सुनी गई और उन्हें पुणे ले जाया गया। कैलाश को सलाखों के पीछे डाल दिया गया। बाद में उन्हें पता चला कि उन्हें पुणे में नवंबर 2006 में हुए दंगों के मामले में गिरफ्तार किया गया है।

तब कुछ राजनीतिक दलों ने साइबर कैफे बंद करवा दिए थे और उपद्रव मचाया था क्योंकि कथित रूप से शिवाजी के एक चित्र का मजाक उड़ाया गया था।

कुछ दिन बाद पुलिसवालों ने दावा किया कि उन्होंने असली अपराधियों को पकड़ लिया है। उसके तीन हफ्ते बाद कैलाश को रिहा किया गया। तब तक वह जेल में 50 दिन गुजार चुके थे। एचसीएल में काम करने वाले 26 साल के कैलाश को तब समझ में आया कि उनका कुसूर था ऑर्कुट में उनका अकाउंट।

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