Wednesday 21 November 2007

क्या आप हिंदुत्व की नई कसौटी पर खरे उतरते हैं!

मुझे अपने हिन्दू होने पर गर्व है। मेरे विचार में ये अकेला धर्म है जो मुझे किसी काम के लिए रोकता नही। अगर कोई रोके भी तो ये मुझे ये कहने कि शक्ति देता है कि आप तो जाये भाड़ में। आप शायद इसे मेरा हिंदुत्व के प्रति लगाव कह सकते . लेकिन ब्रिटेन के एक विद्यालय द्वारा तय कि गई हिंदुत्व कि नई कसौटियों ने मेरे हिन्दू होने पर ही सवाल उठा दिया है। हालांकि उनके मानक उनके यह नामांकन के लिए तय किये गए हैं. लेकिन आख़िर में उनके मानक तो सारे हिन्दुओं पर लागू होते हैं. आप भी तो जाने हिन्दू होने के लिए उनके मानक क्या-क्या हैं.

अपने दाखिले के आवेदन प्रपत्र में हिंदुत्व की अनोखी परिभाषा देने वाले इस विद्यालय के अनुसार सिर्फ उन्हीं लोगों को हिंदू माना जाएगा जो हर दिन ईश्वर की पूजा करते है, मंदिर में धार्मिक कार्यो में शरीक होते है और मांसाहारी भोजन एवं धूम्रपान से दूर रहते है। लंदन के हैरो स्थित कृष्णा अवंती प्राथमिक विद्यालय ब्रिटेन का पहला हिंदू विद्यालय है जिसे सरकार की ओर से वित्तीय सहायता दी जाती है। हैरो ऐसा क्षेत्र है जहां ब्रिटेन की किसी भी अन्य काउंसिल की तुलना में सबसे अधिक हिंदू आबादी है। यहां कुल 40 हजार हिंदू आबादी बसती है।

सितंबर 2008 में छात्रों के पहले बैच के दाखिले के लिए आवेदन प्रपत्र में हिंदूत्व की एक नई परिभाषा दी गई है। विद्यालय प्रशासन के मुताबिक ऐसे लोगों को हिंदू कहलाने का अधिकार है जो हर दिन घर पर या मंदिर में ईश्वर की पूजा करते है। वे हिंदू ग्रंथों, विशेष तौर पर भगवद्गीता में बताए गए मार्गो का अनुसरण करते हों। हिंदू कहलाने के लिए यह भी आवश्यक है कि वे कम से कम हफ्ते में एक बार मंदिर के धार्मिक अनुष्ठानों में हिस्सा लेते हों। हिंदू कहलाने के लिए मांसाहारी भोजन, शराब, धूम्रपान से दूर रहना भी जरूरी है।

इस विद्यालय का प्रायोजक एक स्वतंत्र चैरिटी संस्थान आई-फाउंडेशन है। संस्थान के प्रवक्ता ने बताया कि ऐसा नहीं है कि जो लोग हिंदुत्व की इस परिभाषा पर खरे नहीं उतरते, उनके आवेदन पर ध्यान नहीं दिया जाएगा। केवल 30 सीटे होने की वजह से निश्चित तौर पर हम उन लोगों को वरीयता देंगे जो इन कसौटियों पर खरे उतरते है। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व को परिभाषित करने के लिए इन मानदंडों को बनाना बिल्कुल सही है। ऐसा कर हम समझ सकते है कि कौन हिंदू धर्म को सही तरीके से अपना रहा है।

1 comment:

अनुनाद सिंह said...

यह खबर पढ़कर आश्चर्य हो रहा है।

मेरे खयाल से हिन्दु वह है जो किसी खूंटे से बधा नही है; जो किसी कुएं का मेढक नहीं है; जो किसी लकीर का फकीर नहीं है; जो खुले दिमाग से सत्य की खोज में विश्वास करता है; जो किसी भी बात को अन्तिम सत्य नहीं मानता; जो 'अति' न करने में विश्वास रखता है; जो 'आत्मवत सर्वभूतेषु' को मानता और उसका पालन करता है; जो सारे मानवों सहित सभी पशु-पक्षियों एवं सभी वनस्पतियों के दर्द को अपना दर्द समझता है; जो परिवर्तन को स्वीकर करता है; जो व्यवहार में लचीला है; जो परिस्थितियों के अनुकूल अपने को ढ़ालकर जीने में विश्वास करता है ...