प्रधानमंत्री ने सब्सिडी पर चिंता जताई
{योजना आयोग की बैठक में मनमोहन सिंह ने सब्सिडी पर चिंता जाहिर की, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पेट्रोलियम पदार्थो, कृषि और उर्वरकों पर बढ़ती सब्सिडी को लेकर चिंता व्यक्त की। योजना आयोग की पूर्ण बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा,'' हमें खाद्य, उर्वरक और अब पेट्रोलियम पदार्थो पर बढ़ते सब्सिडी के दबाव को कम करने की ज़रूरत है।'' उनका कहना था कि केवल इस साल इन तीनों मदों पर लगभग एक लाख करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जाएगी।}
------ प्रधानमंत्री जी का दयां मैं इस बात पर दिलाना चाहूँगा कि देश का अरबो रुपया आरक्षण के नाम पर वो लोग चबा रहे हैं, जिन्हें उसकी जरूरत नही है। आरक्षण कि जिन्हें जरूरत है उन्हें तो उसका फैदा कम ही होता है, लेकिन जो लोग जागरूक है और अब मालदार भी वो उसका फैदा उठा रहे हैं, चलते हैं गाड़ियों में, और उनके बच्चे भी अलग से गाडिया लेकर चलते हैं, लेकिन उन्हें स्कूल, कालेज, परीक्षा , यहाँ तक कि पैदा होने के लिए भी पैसा मिल रहा है।
अब आपको मैं एक उदाहर्ण देकर बताना ठीक रहेगा। मेरा एक दोस्त है, उसके पिता जी आरक्षण कि सिढी चदकर आज बैंक में अच्छे पद पर हैं, वो लड़का सब तरह से संपन है। लेकिन रेलवे कि परीक्षा के लिए उसे न तो फॉर्म भरने का पैसा देना padtaa है, और naa ही देश में kahi jaane के लिए सीट आरक्षित कराने का पैसा। परीक्षा तो उससे निकलने वाला तो है नही, लेकिन उसका कहना है कि देश भर में फ्री में घूमने का इससे अच्छा मौका क्या हो सकता है। अब प्रधानमंत्री जी जरा सोचिये कि क्या ये फिजूलखर्ची नही है। क्या इसे रोकने पर आपको नही सोचना चाहिऐ। और किसानों कि सब्सिडी रोक कर भी आप क्या कर लेंगे । अगर आप रोकेंगे तो वो फर्जी कागज बनाकर गरीब बने रहेंगे, आख़िर आपके नेतावो और अधिकारियो के लिए भी तो यही फैदेमंद रहेगा।
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