Tuesday 30 December 2008

ये पहला युद्ध नहीं है...ये चलता रहेगा!

मोहन थपलियाल कौन हैं मुझे नहीं मालूम लेकिन इन्टरनेट पर उनकी कुछ लाइने देखी और ख़ुद को कुछ लिखने से रोक नहीं पाया। मुझे लगा उनकी लाइने आपतक पहुंचानी चाहिए---
"युद्ध जो आ रहा है
पहला युद्ध नहीं है।
इससे पहले भी युद्ध हुए थे।
पिछला युद्ध जब खत्म हुआ
तब कुछ विजेता बने और कुछ विजित।
विजितों के बीच आम आदमी भूखों मरा
विजेताओं के बीच भी मरा वह भूखा ही।"

आज हम फ़िर भारत-पाकिस्तान के बीच लड़ाई की ख़बरों के माहौल में जी रहे हैं. शायद लड़ाई हो ही जाए और शायद लड़ाई न हो. लेकिन आम आदमी की समस्याएं कभी ख़त्म नहीं होंगी. अगर लड़ाई होगी तो वो लड़ाई में मारा जाएगा और जो लड़ाई से बचेगा वो भूख से मरेगा. लेकिन अगर लड़ाई नहीं होगी तो वैसे भी आम आदमी भूख से मारा जा रहा है. चाहे वो गाजा पट्टी का आदमी हो या भारत का या फ़िर आपसी संघर्ष में उलझे अफ्रीका के लोग सब मरने-मारने पर उतारू है. उसे उकसाने वाला सुरक्षित है और वो ख़ुद को इस संघर्ष का आसान शिकार होता हुआ देखने को मजबूर है. लेकिन कहते हैं न कि जिंदगी चलने का नाम है और ये कभी रूकती नहीं. अपना ये आम आदमी भी इसी विचारधारा पे चलता है और ऐसे ही चलता रहेगा...

1 comment:

नीरज गोस्वामी said...

नव वर्ष की आप और आपके समस्त परिवार को शुभकामनाएं....
नीरज