Saturday 23 February 2008

अगर राजनीति में भी कोई आईपीएल बन जाए!

अभी हाल ही में क्रिकेट में आईपीएल नाम का एक बड़ा संघ सामने आया है। सब कुछ अगर सोचे हुए रस्ते पर चला तो जल्द ही यह क्रिकेट का महाकुम्भ बन जायेगा। मुम्बई में इस संघ कि मंडी सजाई गई और क्या पोंटिंग क्या सचिन सबकी औकात की बोली लगी। औकात के मामले में भारतीय कप्तान धोनी सबसे अव्वल रहे। पोंटिंग सहित कई खिलाडी अपनी औकाद की कम कीमत से नाराज भले ही होते रहे लेकिन मंडी में इन सबका कोई असर नहीं होने जा रहा है। भले ही इसके बाद कई खिलाडी अब अपनी टीम में भी इसी नए कीमत से आंके जायेंगे। सच कहें तो अब तक प्रचार से धन कमा कर ये खिलाडी टीवी पर लोगों को उनकी औकात बताते फ़िर रहे थे। लेकिन इस मंडी में उनकी ख़ुद की औकाद नप गई।

कल अचानक बातचीत में मेरे एक मित्र ने एक प्रस्ताव रख दिया। और कहा की क्यो ना देश की राजनितिक स्थिति में सुधर के लिए आईपीएल की तर्ज पर कोई लीग बनाया जाए। इससे जैसे आईपीएल क्रिकेट में छेत्रवाद को ख़त्म कर रहा है वैसे ही राजनीति में भी छेत्रवाद ख़त्म हो सकेगा। वहाँ बैठे सभी लोगो को ये आईडिया पसंद आया। लेकिन जब बात कीमत लगाने की आई तो फ़िर मामला फिल्मी स्टारस पर आकर ठहर गया। लोगों ने कहा की भाई कुछ भी कहो इस लीग में तो सबसे ज्यादा कीमत फ़िल्म से राजनीति में आई हस्तियों की ही लगेगी। या फ़िर ये भी हो सकता है किज्यादा कीमत लगती देख मलिक्का सहरावत जैसे ज्यादा डीमांड वाली लड़किया फिल्में छोड़कर राजनीति में ही शामिल होने लगें और मजबूर होकर राजनीति वाले उसी तरह का आन्दोलन करने लगें जैसे राज ठाकरे के समर्थक मुम्बई में उत्तर भारतीयों को आने से रोकने के लिए कर रहे हैं।

फ़िर आगे बात बढ़ी तो नेता लोगों की कीमत पर आई। अब सवाल उठा की नेता में से कौन किस टीम में लिया जायेगा। और टीम बनने केक्या होगा। किसी ने कहा की अगर राज ठाकरे को बिहार वाले खरीद ले जाए तब। मेरे एक मित्र महोदय तुरंत बोल उठे। भाई इसकी संभावना सबसे ज्यादा है। जैसे सैमोंड्स की कीमत धोनी के बाद सबसे ज्यादा लगी उसी तरह राज ठाकरे को तो बिहार वाले किसी भी कीमत पर अपने टीम के लिए खरीद कर ले जायेंगे। फ़िर सवाल उठा की मोदी जी के क्या होगा। सामने बैठे मेरे एक मित्र का कहना था की भाई वो तो अहमदाबाद टीम के अईकन प्लेयर रहेंगे। फ़िर हुआ की लालू जी का क्या होगा, जवाब था की भाई वो तो उसी टीम में जायेंगे जिस टीम में उनकी धाक बनी रहेगी चाहे इसके लिए कोई भी कीमत क्यों ना लगवानी पड़े।

बात ख़त्म ना होते देख मैन्स कहा भी ये कीमत तो लगती रहेगी। फिलहाल अभी इस लीग के आईडिया तो कोई सुझाए। फिलहाल तो आईपीएल के खेल ही देखिये और मजे लीजिये। इस लीग की एक ख़ास बात ये भी रहेगी की कोई भी टीम हारे किसी कि जान जाने लायक बात नहीं रहेगी। क्योंकि जितने वाली टीम में भी कोई ना कोई पसंदीदा खिलाडी तो रहेगा ही। उसी के बारे में सोचकर खुश हो लेंगे लोग। .....

1 comment:

mamta said...

पर क्या नेताओं की कोई कीमत भी लगायेगा । :)