Saturday 16 February 2008

कल के मानव को मशीनों के साथ जीना पडेगा?

वैलेंटाइन डे के सुरूर के बीच मेरी निगाह दो ऐसी खबरों पर गई जो वाकई काफी चौकाने वाली थी। एक ख़बर इंडिया टीवी पर चल रही थी। जिसका मजमून था की वर्ष २०५० तक मानव रोबोट के साथ शादी कर सकेगा और गृहस्थ जीवन बीता सकेगा। इस ख़बर को नीदरलैंड के एक लेखक डेविड लेवी की एक किताब मी लिखे तथ्यों से लिया गया था जिसमें जापान में रोबोट पर हो रहे काम को आधार बनाकर २०५० के मानव को दिखाया गया है। इस किताब का नाम है 'मैरेज एंड सेक्स विथ रोबोट' । जो दृश्य टीवी पर दिखाए जा रहे थे उसमे शायद किसी फ़िल्म से लिए गए दृश्य थे लेकिन वे दृश्य निश्चय ही हमारी पीढ़ी और आने वाली पीढ़ी को चौकाने वाले थे। ख़बर में ये भी बताया गया की ये रोबोट आदमी या औरत के काफ़ी पसंदीदा जीवनसाथी बन सकेंगे। क्योंकि आप इनसे मनचाहा काम करवा सकेंगे। जाहीर है इसके लिए प्रोग्रामिंग की जरुरत पड़ेगी। और इसके माध्यम से लोग अपने पसंद का रोबोट जीवनसाथी बनवा सकेंगे। आज की दुनिया में जिस तरह से लोगों का एक-दुसरे से विश्वास उठता जा रहा है वैसे में अगर कल का मानव इंसान से ज्यादा विश्वास अगर मशीनी जीवनसाथी पर करने लगे तो कोई हैरत नहीं होगी।

दूसरी ख़बर आईआईटी कानपुर से आई थी। इंग्लैंड से आए एक वैज्ञानिक ने कहा है की इसी शताब्दी में अपने शरीर में चिप लगवा कर मानव सुपरमैन बन सकता है। उनका दावा है कि इस पद्धति से मनाव जहाँ कई बीमारियों पर लगाम पा सकेगा वहीं कई मानवीय भूलों पर भी काबू पाना सम्भव हो सकेगा। उन्होंने baताया कि उन्होंने वर्ष १९९८ में फिल्म जुरासिक पार्क और टर्मिनेटर से प्रेरणा लेकर शोध करना शुरू किया था। उन्होंने बताया कि स्वयं उन्होंने ऑपरेशन कराकर अपने हाथ में ट्रेकिंग डिवाइस चिप लगवा रखी है और इससे शरीर के नर्वस सिस्टम से जोड़ दिया गया है और दिमाग के सिग्नल कंप्यूटर में जाने लगे हैं। इससे दिमाग कंप्यूटर की तरह काम करने लगता है और उसकी सोचने-समझने और काम करने की क्षमता बढ़ जाती है। और apne aur अपने सारे काम वो कम्पूटर के निर्देशों के आधार पर करेगा। आगे उनका कहना था कि इसी तरह मानव सुपरमैन kii तरह बन सकेगा।

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