Monday 15 June 2009

मीडिया और चाँद-फिजा के तराने..!

मीडिया की बांछे खिल गई है खासकर टीवी चैनल वालों की... पता है क्यूँ... चाँद मोहम्मद फिर सामने आ गए हैं। फिर उन्हें फिजा से किये गए प्यार के वादे याद आ गए हैं और आँखों में आंसू और होंठों पे प्यार का तराना लेकर फिर से वे फिजा के दरबार में हाजिरी लगाने पहुँच चुके हैं. कहानी कुछ ऐसी है कि एक हुआ करते थे चंद्रमोहन. वे कभी हरियाणा जैसे संपन्न राज्य के उपमुख्यमंत्री हुआ करते थे. राज्य के एक बड़े रसूख वाले परिवार के जिम्मेदार मेंबर भी. बीवी-बच्चों वाले एक जिम्मेदार इन्सान भी. फिर उन्हें प्यार हो गया. अचानक वे गायब हो गए और फिर जब प्रकट हुए तो वे चन्द्रमोहन से चाँद मोहम्मद हो चुके थे. धर्म तो उन्होंने बदल ही लिया उपमुख्यमंत्री की कुर्सी भी उन्हें गंवानी पड़ी.
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मीडिया ने उन्हें खूब बेचा। जब चन्द्रमोहन से चाँद मोहम्मद बनकर सामने प्रकट हुए थे तब उन्होंने देश की राजधानी दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस भी बुलवाया था. तब चाँद मोहम्मद और उनके प्यार में अनुराधा बाली से फिजा बनने वाली उनकी प्रेमिका दोनों ने देश के सामने प्यार पर एक अच्छा-खासा लेक्चर भी दिया था. अख़बारों में उनके खूब फोटो छपे और टीवी चैनल वालों ने तो पूरे सप्ताह भर उन्हें बेचा. उन्हें एकदम फ्रेश लव गुरु जो मिल गया था.
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फिर चाँद मोह्हमद की आंखे खुल गयी और उन्होंने अपने परिवार में लौट कर फिजा को मोबाइल पर तलाक दे दिया। मीडिया ने फिर उन्हें बेचा. टीवी पर चल-चल कर उनके तराने लोगों को ड्राइंग रूम में गुदगुदाते रहे, लोगों ने खूब इनपर चर्चा की. मामला ख़त्म हो गया. चाँद मोहम्मद ने फिर परिवार में वापसी कर ली और फिजा ने भी जिंदगी को फिर से नई शुरुआत देने की कोशिशे शुरू कर दी. लेकिन ये कहानी यही ख़त्म नहीं होनी थी.
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लेकिन इस दौरान बहुत कुछ बदल चुका था. जिस फिजा को कल तक कोई नहीं जानता था वो फिजा एक अंतर्राष्ट्रीय रियलिटी शो में भाग लेने की तैयारिओं में लगी थी. सावन आने में अभी वक्त था लेकिन बरसात के पानी ने इसी दौरान अपना रंग दिखाया. चाँद मोह्हमद के दिल में फिर से प्यार के तराने बजने लगे. अचानक एक दिन सुबह-सुबह उठकर चाँद मोह्हमद पहुँच गए फिजा के घर. बार-बार माफ़ी मांगने के बाद भी फिजा का दिल नहीं पसीझा. चाँद मोह्हमद को मीडिया वालों को खबर करनी पड़ी. मीडिया के सामने उन्हें कहना पड़ा कि भाई माफ़ कर दो अब नहीं होगी ऐसी गलती. लेकिन प्यार में धोखा खाई फिजा ने नहीं माना. दिखा दिया अंगूठा और कहा कि सोचकर बताउंगी...मीडिया को मसाला मिल गया था. फिर दोनों छा गए ख़बरों में...अभी ये कहानी आगे जारी रहेगी...ख़बरों का ये सिलसिला अभी थमने वाला नहीं है...मीडिया को अभी ना जाने कितने मटुकनाथ और चाँद मोहम्मद मिलते रहेंगे और दुकानदारी चलती रहेगी...भारत विविधताओं का देश है यहाँ ऐसे सपूत हमेशा जन्म लेते रहेंगे...यहाँ कि मीडिया के लिए ख़बरों का अकाल कभी नहीं हो सकता...अगर हुआ भी तो ये बेमौसम बिकने वाले खबरिया आइटम हैं...मीडिया के वीडियो लाइब्रेरी में इन्हें खूब संजो के रखा गया है...जब ख़बरों जा अकाल होगा तब इन्हें निकाल कर मिर्च-मसाले के साथ बेच लिया जायेगा.

2 comments:

Udan Tashtari said...

चाँद फिज़ा-मीडिया मसाला!!

परमजीत सिहँ बाली said...

बिल्कुल सही लिखा है।