इस्राइल ने हमास के खिलाफ जमीनी लडाई छेड़ दी है। उसके टैंक और बख्तरबंद गाडियां गाजा पट्टी में घुस गई हैं और जमकर हमास पर निशाना लगा रही है. अब जाकर दुनिया को बेचैनी हुई है. अधिकांश राष्ट्र इस्राइल को लडाई रोकने को कह रहे हैं. लेकिन इस्राइल वही कर रहा है जो उसे करना चाहिए. इसराइल के रक्षा मंत्री एहुद बराक ने कहा है कि हमास बड़ी तैयारी के साथ है और इससे निपटने के लिए संघर्ष लंबा चल सकता है. उन्होंने कहा कि हमास ने इसके सिवा कोई और विकल्प नहीं छोड़ा है. एहुद बराक ने कहा कि उनका देश युद्ध नहीं चाहता है लेकिन "अपने नागरिकों को हमास के रॉकेट हमलों के लिए नहीं छोड़ सकता."
बिल्कुल हर देश और उसके नेतृत्व में यही जज्बा होना चाहिए. सरकार और व्यवस्था इसीलिए होती है कि वो अपने लोगों को सुरक्षित रख सके. हमारे देश का नेतृत्व शान्ति और अहिंसा के नाम पर देश को डरपोक बनने में ही लगा रहता है. मुंबई में हमले हुए सवा महीने हो गए...लेकिन कुछ नहीं हुआ. इसके पहले भी दर्जन भर शहरों में धमाके हुए लेकिन कहीं कुछ ऐसा नहीं हुआ कि आगे से इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके. इस्राइल इस तरह की नीति को नहीं अपना सकता और उसने अपने नागरिकों की रक्षा के लिए खुली लड़ाई का विकल्प चुना है. भारत जैसे डरपोक देश उसे भी ऐसा करने से रोकने के मिशन पर लगे हैं....जबकि दुनिया भर जनता और सरकारों के सामने ये एक उदहारण की तरह है कि किसी सरकार को अपने नागरिकों की रक्षा के लिए क्या करना चाहिए। दुनिया को इससे कुछ सीखना चाहिए...न कि ऐसा करने वालों को रोकना चाहिए.
2 comments:
indian goverment is like a dog who is always barking
good post...will India learn anything..?
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