Wednesday 13 May 2009

पैसा खुदा तो नहीं लेकिन खुदा से कम भी नहीं है!

"पैसा खुदा तो नहीं लेकिन खुदा से कम भी नहीं है"-- पता नहीं किस महान आत्मा ने ये बात कही थी, लेकिन कुछ भी हो बात है बड़ी पत्ते की। पैसे की महिमा कौन नहीं जानता. आप सब जानते हैं कि यहाँ बिना पैसे के एक पत्ता भी नहीं हिल सकता. बिना पैसे के आज के जमाने में किया ही क्या जा सकता है. करने की तो छोडिये अगर आपके पास अथाह धन नहीं है तो फिर ये दुनिया आपको जीने भी नहीं देगी. अगर आप सपनों के देश भारत के नागरिक हैं और आपकी आय रोजाना ६० रूपये से कम है तो फिर ये दुनिया आपको गरीबों की सूचि में डाल देगी. उस महान आदमी द्वारा कही गई महान बात को अपने जीवन में नहीं उतार सकने वाले भारत में करीब एक तिहाई लोग हैं. वर्ल्ड बैंक की ग्लोबल इकनॉमिक प्रॉस्पेक्टस फॉर 2009 शीर्षक से जारी रिपोर्ट के अनुसार गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली आबादी के प्रतिशत के लिहाज से भारत की स्थिति केवल अफ्रीका के सब-सहारा देशों से ही बेहतर है। बैंक ने अनुमान जताया है कि 2015 तक भारत की एक तिहाई आबादी बेहद गरीबी (1.25 डॉलर, यानी करीब 60 रुपये प्रति दिन से कम आय) में अपना गुजारा कर रही होगी। हमारे पडोसी देश चीन के लिए यह आंकड़ा 6.1 प्रतिशत और दुनिया के सबसे गरीब सब-सहारा अफ्रीकी क्षेत्र के लिए 37.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।

((कहां तो तय था चिरागां हरेक घर के लिए, यहां तो रोशनी नहीं है शहर के लिए))

तेजी से संपन्न हो रहे हमारे देश के ऐसे बदकिस्मत लोगों के लिए पिछले ६ दशकों में चुनावों के वक्त न जाने कितने नारे दिए गए, कितने आश्वासन दिए गए. इतने सालों में देश में विकास के नाम पर करोडों-अरबो रूपये खर्च हुए. हालत ऐसी है कि देश की राजनीति आजकल करोडों में पहुँच गयी है. मसलन अगर आपको चुनाव के मैदान में उतरना है तो करोडों की औकात बनानी पड़ेगी. लेकिन आज भी देश में करीब ४०-४५ करोड़ लोग ऐसे है जो रोजाना ६० रुपया कमा पाने में भी सक्षम नहीं हैं. अभी भी देश में चुनाव चल रहे हैं और लोगों को गरीबी से मुक्ति दिलाने के नाम पर न जाने कितने सपने दिखाए जा रहे हैं लेकिन देश जानता है कि जब इतने सालों में किस्मत यहीं पर बनी हुई है तो आज कौन सा अलादीन का चिराग हाथ लग गया है कि आज देश के बदकिस्मत लोगों की किस्मत चमक जायेगी.

1 comment:

RAJNISH PARIHAR said...

सच कहा आपने पैसा सब कुछ नहीं है ,पर बहुत कुछ है...फिर भारत.. जैसे देश में जहाँ आबादी तेजी से बढ़ रही है,ये ओर भी महत्वपूरण हो जाता है....