Friday 15 August 2008

बंदूकों के साए में तिरंगा...

टीवी के परदे पर
हाथों में तिरंगा लेकर देशभक्ति के गाने गाते बच्चे
लुभाते हैं।
बढाते हैं वे देश की शान..
टीवी कैमरों के लिए भी अच्छा मसाला है ये
नमक-तेल के...
विज्ञापनों के साथ मिलाकर बेचने लायक मसाला!

लेकिन साथ ही टीवी के परदे पर
आतंक और हिंसा की खबरे भी है..
हर साल की तरह आतंकी हमलों की
चेतावनी भी...
रह-रह कर दे रही है दस्तक
टीवी के परदे पर...!

हर भारतीय के लिए शान की बात है
तिरंगे के साथ चलना...
देश की आजादी(?) के करीब ६ दशकों बाद भी
सब के दिलों में है
तिरंगे को हाथ में लेकर चलने का सपना
एक और आजादी की ललक भी
जो दिला सके उन्हें इस डर से मुक्ति
लेकिन सब इतने खुशकिस्मत नहीं हैं
और नहीं फहरा सकता कोई
तिरंगा
बंदूकों के साए में
इस डर में मर-मर के जी रहे हैं सभी
कोई भी शहर और राज्य नहीं है
इस डर से आज़ाद॥!

टीवी के परदे तक तो ठीक है
लेकिन कश्मीर से पूर्वोतर के राज्यों तक
या फ़िर बेंगलोर से अहमदाबाद तक की
सड़के...
नहीं हैं इस डर से मुक्त
और शायद व्यवस्था भी
नहीं दिला पा रहा है भरोसा
इस डर से मुक्त होकर जी पाने का...!

5 comments:

राज भाटिय़ा said...

स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाऐं ओर बहुत बधाई आप सब को

Udan Tashtari said...

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

वँदे मातरम !

mamta said...

स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं।

सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी said...

आज़ादी का मंत्र जप रहे ब्लॉगर भाई।
मेरी भी रख लें श्रीमन् उपहार बधाई॥