Sunday 17 August 2008

आखिरकार भगत सिंह को संसद परिसर में मिली जगह!

देश की आजादी की ६२वे वर्षगाँठ के अवसर पर आज़ाद हवा में साँस ले रहे हर भारतीय के लिए एक ख़बर सुकून देने वाली रही। इन्कलाब जिंदाबाद के नारे के साथ देश के लिए महज २३ साल की उम्र में फांसी पर चढ़ जाने वाले वीर शहीद भगत सिंह की प्रतिमा संसद भवन परिषद् में लगाई गई। भगत सिंह देश से मिलने वाले इस सम्मान के हकदार थे लेकिन इतने साल बाद भी देश के इस वीर सपूत को ये सम्मान नहीं दिया जा सका था। सरकार का ये कदम वाकई स्वागत योग्य है। इसके आगे भी इस देश के इस बहादुर बेटे को भारत रत्न जैसे सम्मान मिलने चाहिए.

आजादी की वर्षगाँठ के इस अवसर पर पत्रकार कुलदीप नैयर की भगत सिंह पर लिखी किताब "विदाउट फीयर-द लाइफ एंड ट्रायल ऑफ़ भगत सिंह" का विमोचन भी हुआ। इसमें देश की आजादी और लोगों की आजादी के लिए चल रही लड़ाई में आवाज उठाने के लिए भगत सिंह द्वारा अपनाए गए रास्ते पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है. विमोचन के अवसर पर लेखक ने कहा कि भगत सिंह हिंसा में विश्वास नहीं करते थे और विधानसभा में खाली जगह पर बम फेंककर उन्होंने ये सिद्ध कर दिया. बल्कि भगत सिंह का विश्वास था एकजुट भारत में- जो साम्प्रदायिकता और तमाम तरह के भेदभाव से मुक्त हो. और जहाँ व्यवस्था का काम गरीब और जरुरतमंदों के लिए काम करना हो.

बाकी चीजे तो आज के अवसरवादी युग में सम्भव नहीं लग रहा है लेकिन कम से कम इस शहीद को देश के लिए किए गए उसके त्याग और बलिदान के लिए सम्मान मिला यही बड़ी बात है. भगत सिंह ने जो किया सभी के लिए ऐसा कर पाना मुमकिन नहीं है. २३ साल की उम्र में जब युवा तमाम तरह की फंतासी में डूबे रहते हैं ऐसे में इस वीर ने जान-बूझकर विधानसभा में बम फेंका ताकि अंग्रेजी प्रशासन और देश तक अपनी बात पहुचाने के लिए उसे अदालत का मंच मिल जाए. अंग्रेजी शासन ने जब भगत को फांसी पर चढाया तब भी हँसते-हँसते ये वीर फांसी के फंदे पर झूल गया. ...ऐसे वीर को शत-शत नमन....

2 comments:

sagnik said...

Bahut achha likhaa hain tumne...lekin ek clarification...bhagat singh ke murti ko sansad bhavan mein sthaapit karne mein Bharatiya Sansad kaa yogdaan hain....Bharatiya Sansad ganatantra kaa ek atut sthambh hain.... Sarkar ne kyaa kiyaa hain...woh sab ko pataa hain...Sansad ek swaaitt sansthan hain.... Lok Sabha Adhyaksha Somnath Chatterjee aur sansadiya committee ke sujhaav ki badaulat humein bhagat singh ki murti mili sansad bhavan parisar mein... Achhaa likhaa hain sundeep....lagein rahoo munnabhai....

Pramendra Pratap Singh said...

अच्छी खबर है, पर देरी करना ठीक नही था। स्‍वतंत्रता संग्राम सेन‍ानी के साथ ऐसा व्यवहार ठीक नही है।