Monday 29 October 2007

क्यों मार रहें हैं लोग अपनों को!

आज मुझे कई खबरें ऐसी मिलती गयी जिसने मुझे परिवार और अपनेपन के बारे में कई सवाल दे दिए। भारत जैसे देश में इस तरह कि कई खबरें एक साथ आना बरी हैरान कर देने वाली रही।

सुबह टीवी खोलते ही मुम्बई से एक खबर आई कि भाई ने संपती के विवाद में बहन को ६ गोलियाँ मरी। (क्या इन दोनों के बिच कभी प्रेम नही रह होगा, फिर कैसे भाई ने बहन पर गोली चालला dii)

दूसरी खबर डेल्ही से थी, पत्नी ने पति का कत्ल कर दिया था।

तीसरी खबर फिर मुम्बैं से थी , बाप ने अपने दो बेटों कि हत्या कर खुदकुशी कर ली, वो अपनी पत्नी कि बेवफाई से परेशान था।

अगली खबर फरीदाबाद से थी, माँ ने बेटे की हत्या कर दी थी,


न जाने ऐसी कई खबरें देश भर में आज दिन भर होती रही होगी। सोचने वाली बात है ऐसा हो क्यों रहा है । क्या हम इतने लालची हो गए हैं कि अब रिश्तों कि क़द्र नही कर सकते, अगर ऐसा नही कर सकते तो फिर क्यों नही पश्चिमी देशों के लोगो की तरह रिश्तों के बारे में हम खुलकर अपने विचार क्यों नही बना पाते।

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