Sunday 26 April 2009

बूझो तो जाने: किसने तोड़ा बाबरी मस्जिद!

कई दिनों से मीडिया में लगातार ये सवाल गूंज रहा है कि बाबरी मस्जिद किसने तोड़ा। देश के सारे राजनेता अपनी-अपनी जानकारी के हिसाब से इस पहेली को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं सब के सब गेंद एक-दूसरे के पाले में उछाल रहे हैं. लेकिन आम आदमी इतने सारे जवाब को सुनकर बड़े कन्फ्यूजन में है. भाई किसे इसका श्रेय दिया जाए ये तय नहीं कर पा रहा है आम आदमी. इस उछल-कूद की शुरुआत की मशहूर समाजवादी नेता और गरीबों के मसीहा(?) लालू जी ने. गठबंधन में सहमती नहीं बन सकी और कांग्रेस ने नुकसान पहुचाने लायक उम्मीदवार विरोध में उतार दिए तब लालू जी ने कह डाला कि बाबरी विध्वंश के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है. कांग्रेस ने इसका जवाब दिया और भाजपा के पीएम इन वेटिंग आडवाणी जी पर निशाना साध लिया और कहा कि वही इसके लिए जिम्मेदार हैं. बस क्या था भाजपा के बचाव में संघ के पूर्व सरसंघचालक सुदर्शन जी उतर गए और उन्होंने नरसिंह राव की सरकार को इसके लिए जिम्मेदार बता आडवाणी जी के बचाव का प्रयास किया. गेंद फेंका-फेंकी के इस खेल से अपने को अब तक बचाते आये कांग्रेस के युवा कर्णधार राहुलजी भी अपने को रोक नहीं सके और कह डाला कि भाजपा ही इसके लिए दोषी है.

आम आदमी के सामने इतने सारे जवाब और जवाब देनेवाला हर इंसान देश का जाना-माना चेहरा. किसपर भरोसा करें और किसे झूठा माने. इतने सारे कन्फ्यूजन के बीच घिरा भारत का आम आदमी करीब २ दशकों से जवाब तलाश रहा है. इतने में पूरी एक पीढ़ी बदलने को आ गई. पुरानी पीढ़ी इसका जवाब नहीं पा सकी नई पीढ़ी को यही सवाल बार-बार सुनाया जा रहा है ताकि भूल न सके. जिसे भी जिम्मेदार समझो लेकिन याद रखो जरूर. इस पाले में रहोगे या उस पाले में काम तो आओगे न...

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