Sunday 30 September 2007

सब क्रेडिट का खेल: रोजगार गारंटी , राम सेतु और २०-२० !

क्रेडिट कार्ड के ज़माने में हर आदमी के लिए जरूरी है कि वो अपने लिए कुछ-कुछ क्रेडिट बनाता रहे । बिना क्रेडिट के क्या रखा है जीने में । इस मामले मे अगर आम लोगो को कुछ सीखना है तो हमारे नेताओं से सीखें .

पहले बात राम की !
अब राम जी को भुला चुके उनके हिंदुत्ववादी भाइयो ने जब देखा की फिर राम जी दक्षिण भारत में अवतार लेने वाले है लग लिए अपनी क्रेडिट बनाने में । जगह-जगह पोस्टर जलने लगे और धरना देने लगे । साबका कुछ ना कुछ क्रेडिट बन्ने लगा और साथ ही अगले चुनाव के लिए नए पोस्टर बन्ने लगे । अब अपको बताते है की पोस्टर में कोण-कोण से लोग छपे । बीच में हाथ उठाये सम्भावीत उम्मीदवार , उसके ऊपर राम जी कि तस्वीर , एक तरफ पार्टी के वरिष्ठ नेताओ के फोटो ।

२०-२०
२०-२० कप जीत कर लौटी टीम(सच बोले तो कप, खिलारी तो बेचारे पीछे ही रह गए) के साथ फोटो खिच्वाने के लिए मुम्बई में लगे मेले को तो आप देख ही चुके है । कई नेता जी लोग अपना क्रेडिट बना गए ।

आख़िर में रोजगार गारंटी!

सरकार ने एक योजना बनाई , सभी ग्रामीण परिवारों को रोजगार की गारंटी देने की । पहले इसे १०० जिलों में लागू किया गया । एक दिन अचानक राजकुमार अपनी टोली के साथ पहुंच गए प्रधानमंत्री महोदय के पास और माँग की कि इसे देश के सभी जिलों में लागू किया जाये । उन्होने इसे मान लिया और कहा देश के सभी युवाओं को ऐसे ही अछे काम करने चाहिऐ । अब मैं ये पूछता हू कि अगर kisi आम yuva ने ये माँग की होती तो आप इसे इतनी आसानी से मानते और अगर मानते भी तो उसका क्रेडिट क्या उसे ही देते ।

सच कहे तो बात हर जगह क्रेडिट बटोरने की है । और वो क्रेडिट भी हर आम आदमी की किस्मत में कहॉ है ।

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