Saturday 29 September 2007

अब हैमरमैन के आतंक के साए में 'दिल्ली'

लो फिर ड़र गए दिल्ली वाले। '

हैमरमैन ने ली एक और की जान'

किसी अखबार ने यही लिखा था अपने पहले पेज पर । अब अन्दर की कहानी सुनिये । पुलिस का कहना था की एक युवती सोई हुई थी और कोई आदमी वहा आया और और उसके सर पर वार कर भाग गया । युवती की शादी पिछ्ले माह हुई थी और उसकी विदाई होने वाली थी । लोगो ने कहा ये उसी हैमरमैन का काम है जिसने अब तक दिल्ली में कई महिलाओ के सर पर हथ्हौरे से वार किया है। पुलिस इस कहानी को नही मान रही है और शक में पड़ोस के एक लड़के को गिरफ्तार किया है । अब अगर पुलिस लोगो और मीडिया कि खबर को मानकर जांच करने लगे तो ना तो हैमरमैन पकड़ा जाएगा और ना ही असली aaropii । पुलिस को लड़की के पास से ईट मिल है और पेपर वाले खबर दे रहे की हैमरमैन की करतूत । अरे यार डरे हुए दिल्ली वालों को और क्यों डरा रहे हू यार । अभी अभी तो बेचारे घर के बहार से पाच उन्गालियीओ की निशां मिटाया है इन्होने । सुना नही था आपने क्या जब घरो में में मांगने वालो के भेष में चुरैलें आ रही थी ।

कुछ साल पहले जब दिल्ली में नही रहता था तब कई दिनों तक दिल्ली की एक खबर छपती रही। पड़कर दर लगता था। लोहे के बन्दर की कहानी । जो लोगो पर हमले कर्ता था । उत्तर प्रदेश के कई जिलों मे मुह नोच्वा ने कई महिनो तक आतंक मचाये रखा था . पता नही ये सारे कहॉ से आते हैं।

No comments: