अपने देश की हालत भी ऐसी ही हैं कुछ हुआ लोग सडको पर उतर आये, पुलिस से भिड़ गए और कर दिया आम लोगो कि जिंदगी का कबाडा । सड़क जाम, धरना-प्रदर्शन । अब जाये लोग ऑफिस ।
मैं सुबह दफ्तर के लिए निकला था और जैसे ही दिल्ली-उत्तर प्रदेश की सीमा पर मेरी बस्स पहुंची कि अचानक ट्राफिक जाम की खबर मिली । सामने उतर कर मैंने देखा की गाड़ियों कि लंबी लाइन हुई थी । पूछने पर पता चला कि गुर्जर समाज के लोग आरक्षण के लिए सड़क जाम किये हुए है। असल मामला राजस्थान से शुरू हुआ है जहाँ गुर्जर समाज के लोग अपने समुदाय को अनुसूचित जात में शामिल करने कि मांग कर रहे है । इस लडाई मे राजस्थान में कुल १६ लोग मारे गए ।
असल लडाई यहाँ गरीब तबको को आरक्षण के नाम पर मिल रही मलाई में अपना हिस्सा हथियाने को लेकर है । इस नाम पर इतनी सारी सुविधाये मिल रही है कि सभी अनुसूचित बन्ने की लडाई में लग गए है ।
पता नही अब तक तो ये लड़ाई पिछड़ी जातियों में ही है लेकिन मलाई खाने का ये चस्का कहीँ इसी तरह बढती गयी तो कल को सवर्ण जातियाँ भी खुद को आरक्षण के दायरे में लाने के लिए लडाई छेड़ देगी, शायद अब जाकर बाबा साहेब का सपना सच होता हुआ दिख रह है , सभी जातियाँ एक धरातल पर आने को तैयार दिखने लगी है । देखते है कैसी तस्वीर बनती है ....जाने क्या होगा रामा रे ....
2 comments:
"...मलाई खाने का ये चस्का कहीँ इसी तरह बढती गयी तो कल को सवर्ण जातियाँ भी खुद को आरक्षण के दायरे में लाने के लिए लडाई छेड़ देगी, ..."
आपका सही कहना है. ऊपर से गुर्जर समाज को यह दर्जा देने का विरोध वहीं का मीणा समाज कर रहा है. लंबे समय से कुछ हलकों में कायस्थों को भी आरक्षण में शामिल करने की मांग चल रही है!
आने वाली स्थिति तो भयावह ही दीखती है!
उतर प्रदेश की बसों को तो हम झोल झाल गाड़ी कहते थे !
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