कल शाम ऑफिस में अचानक टीवी की ओर निगाह गयी । सारे लोग काम छोड़कर टीवी पर जमे हुए थे । कुछ देर बाद जब मामला समझ में आया तो कोई हैरत नहीं हुई । किसी के घर के घरेलू झगड़े को लाइव दिखाया जा रहा था । स्टोरी में पटना की कोई दम्पती थी जिनकी लड़ाई अमेरिका से वापस आकर पुलिस तक जा पहुँची थी । टीवी वालो को मौका मील गाया और उन लोगो ने दोनो को आमने-सामने कर दिया बस फिर क्या था शुरू हो गयी टीवी पर ही उनकी लडाई । पुरा देश देख रहा था आरोप-प्रत्यारोप को । कब किसने किसको मारा, कब किसने किसकी पिटायी कि, कब किसने किससे किसकी शिक़ायत की । ये सार्री बाते बातें टीवी पर आने लगी । वाकई बहुत मज़ा आ रहा था ।
पहले इस टीवी ने हमे बनावटी घरेलु झगड़े दिखाए और अब ये हमारे घर मे घुसकर छोटी-छोटी बातों को तल देकर दिखाने लगें है । क्या हमे इन्हें नही रोकना चाहिए । कल को ये हमारे घरो मे जबरन घुसकर चोटी लडाई को भी तुल देने लगेंगे। क्या हमारे घरों में मीडिया की घुसपैठ ठीक है । ये तेज़ी से ख़त्म हो रही हमारी परिवार व्यवस्था को मिटाने में ओर कारगर होगी ।
आपको भी मिल रहा है मसाला देखिए पहले लोगो के घर कि कहानी फिर आपको अपने घर कि भी कहानी देखने को मिलेगी । भैया अब आधुनिक कहलाने कि इतनी कीमत तो हमे चुकानी ही पडेगी ... आख़िर अमेरिका ओर ब्रिटेन कि तरह रहने कि ललक हमे भी उसी रास्ते पर ले ही जा रही है ।
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