नए साल को मनाने के लिए लोग आधी रात तक जगे हुए थे। पूरे देश में नए साल कि तैयारियां हुई थी और जैसे घड़ी में रात के १२ बजे (मैं बस एक मिनट कि बात कर रहा हूँ।) लोगों में न जाने कहाँ से गजब का उत्साह आ गया। इधर घड़ी कि सुई १२ पर पहुंची और उधर लोग झूम उठे । सबसे ज्यादा उछल रहे थे टीवी चैनल वाले। १२ बजते ही उनका उत्साह भी अचानक कई गुना हो गया। मुझे ये महीन समझ में आया कि आख़िर इस एक मिनट में ऐसा क्या बदल गया। तारीख तो रोज बदलती है और उसपर तो लोग बस ये मानकर खुश हो लेते हैं कि चलो एक और दिन गुजर गया। इधर पिछले कुछ सालों में न्यू ईयर पर टीवी चैनलों मिडनाईट सेलीब्रेशन का तडका लगाकर लोगों का उत्साह बढ़ा दिया है। दिल्ली के कई होटलों ने तो लोगों को आधी रात का ये जश्न मनाने के लिए लाखों का बजट थमा दिया। अब बड़ा कहलाना है तो भाई इस तरह के खर्च तो करने पड़ेंगे।
आधी रात को लोग इसी तैयारी में रहते हैं कि १२ बजे और अपने लोगों को नयी साल कि बधाई दे दी जाये। लोग इसके लिए सुबह तक इंतज़ार नहीं कर सकते। भाई अब लोगों में इतना धीरज कहाँ। लेकिन मुझे तो कई बार इस आधुनिक शैली के नक़ल के चक्कर में मुझे दांत सुन्नी पड़ी है। १२ बजे मैंने किसी को बधाई देने के लिए फ़ोन लगा दिया। वो परेशान हो कर उठा, फ़ोन उठाते ही बोला क्या हुआ। इतनी रात गए पता नहीं क्या बिपत्ती आ गयी। मैंने कहाँ अरे नए साल कि बहुत-बहुत बधाई। सामने तो नहीं बोला लेकिन लगा मन में गालियाँ दिए जा रहा हो। भंड में गया नया साल और भंड में गयी बधाई। सुबह तक इंतज़ार नहीं कर सकते क्या।
2 comments:
हमारे यहाँ तकरीबन ६ घंटे बाकी हैं नये साल के लिये,
आपको नये साल की हार्दिक शुभकामनायें,
नववर्ष की शुभकामनाएँ ।
घुघूती बासूती
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