आपको जानकर हैरत होगी कि देश में सात सालों से किसी को भी भारत रत्न नहीं दिया गया है। इस सम्मान की शुरुआत १९५४ में की गई थी। ये सम्मान विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा काम करने वाले लोगों को दिया जाता है। लेकिन हैरत कि बात है कि २००१ के बाद देश में कोई रत्न खोजा नहीं जा सका। २००१ में सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर और शहनाई सम्राट बिस्मिल्लाह खान को ये सम्मान दिया गया था उसके बाद से अब तक ये तलाश जारी है। इस साल जब फिर सम्मान पर फैसले कि बारी आयी तो राजनीति होनी शुरू हो गई।
आडवाणी जी ने इस सम्मान के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के नाम की सिफारिश कर दी। फिर क्या था सभी पार्टियां अपने नेताओं के लिए इस सम्मान की माँग के साथ आगे आने लगी। हालांकि कई मांगे जायज भी लग रही है। सभी मांगों के साथ अपने-अपने कारण है और उन कारणों को जायज ठहराने के अपने-अपने तर्क। वैसे भी इस साल जैसी कि खबरें आ रही हैं कि शायद ये सम्मान किसी को भी नहीं दिया जायेगा। इसका मतलब है कि भारत लगातार ८वे साल बिना रत्न पाए रह जाएगा।
वैसे यह जरूरी भी नहीं है कि भारत रत्न हर वर्ष किसी को दिया ही जाए। लेकिन अगर देश ये सम्मान देता आ रहा है तो ये जायज भी है कि ७-८ सालों में किसी ना किसी को भारत रत्न अलंकरण के लायक समझ लिया जाये। इतनी बड़ी जनसंख्या में हर साल एक रत्न तो जरुर खोजा जा सकता है। इस अलंकरण के लिए इतने काबिल लोग तो हमारे देश में है हीं।
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