अभी-अभी दो अकटूबर बिता है, क्या रौनक थी यार उस दिन। समाचार चैनल वाले गांधीजी का बखान कर रहे थे । फिल्म चैनल वाले गाँधी जी के ऊपर बनी फिल्मे दिखा रहे थे । नेता जी लोग भी सुबह से hii khaadi pehan कर chahak रहे थे । Delhi से लेकर sanyukta राष्ट्र तक mein गाँधी जी के vichaaron की baarh ला dii गयी। सारे नेता जी लोग जगह-जगह यात्राएँ निकाल रहे थे । बोले तो हर जगह गंधिगिरी छा गयी थी मामू।
मैंने भी अपने घर फ़ोन पर बात की । फ़ोन मेरे छोटे भई ने उठाई । बड़ा खुश लग रहा था , मैंने पूछा अरे भई बात क्या है , आज बडे खुश दिख रहे हो । बोला आज महात्मा जी का जन्मदिन है भैया । मैंने सोचा यार ८ साल के लड़के को महात्मा जी से क्या वास्ता । उसने कहा अरे आज छूट्टी है आज छूट्टी दिलाने वाले महात्मा जी का जन्मदिन है । मेरे एक मित्र भी बडे खुश दिख रहे थे, sarakari naukari mein hai मैंने पूछा भाई क्या बात है, बडे खुश दिख रहे हो । बोले आज गाँधी जी कि kripaa से छुट्टी पर hu।
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