ये वक्त भी बड़ा अजीब चीज है भाई। कब किसे जमीन पर लाकर पटक दे और कब किसे कहाँ ले जाकर बैठा दे, कुछ भी गेस करना संभव नही हैं। ये समय की ही बात है कि अब कल तक कर्णाटक के मुख्यमंत्री रहे कुमारस्वामी जी को उपमुख्यमंत्री पद से संतोष करना पद रह हैं। वो तो वक्त बुरा हैं वर्ना वो कहाँ मानने वाले थे। आख़िर उनके पापा जी की चतुराई भी उनके काम नहीं आ सकी।
अब अपनी उमा भारती जी को देख लीजिये । जब भाजपा से गयी थी तब कह रहीं थी कि मैं ही भाजपा ह लेकिन अब जाकर उन्हें भी लग रह होगा कि भाई मैं तो कुछ हूँ ही नही , अपने नटवर सिंह जी को ही देख लीजिये । हर जगह सुइट पहने हुए नजर आ जाते थे, आजकल दिखाई ही नही दे रहे हैं। अब भैया सुपर पॉवर से टक्कर लोगे तो नपोगे हीं. सब वक्त का खेल है, अपने दीवार भैया को ही देख लीजिये अभी कुछ ही दिन पहले टीम के कप्तान थे, कप्तानी उन्होने ये कहते हुए छोड़ दी कि बल्लेबाजी पर ध्यान दूंगा लेकिन अब वक्त ऐसा आया कि टीम से ही उन्हें bahar kar दिया गया। अरे भाई niras क्यों होते हो apke समय में दादा को भी तो बाहर किया गया था। अब वक्त ही ऐसा है तो क्या कर सकते हैं भाई।
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