Monday, 15 October 2007

अमेरिका से पंगा लेने का मतलब...

कल ही आडवानी जी कह रहे थे कि मनमोहन जी सबसे कमजोर पीएम हैं। लेकिन अगले दिन मनमोहन जी ने अमेरिका से हो रहे परमाणु करार को रोकने का फैसला कर सबको हैरत में डाल दिया। सामने लोकसभा का चुनाव है, ऐसे में मनमोहन जी तो जनता को फिर से दुखी करना नही चाहते। वैसे ही बहुन्शंख्यक हिंदु जनता उनकी सर्कार के भगवान् राम को लेकर बयां से अभी तक दुखी है।

लेकिन भैया राम को दुखी करोगे तो एक बार चलेगा भी, लेकिन अमेरिका को दुःखी किया है, भुगतना तो पडेगा ही, कहीँ ना कहीँ तो सजा देगा ही, तैयार रहियेगा। अब अपने नटवर जी को याद करो , बहुत बोल रहे थे इराक वाले मामले पर, क्या हुआ, कहॉ के रह गए, अच्छे खासे नेता हुआ करते थे bechaare।

लेकिन कुछ भी कहिये मनमोहन जी बडे हिम्मत से ये फैसला लिया है। हम तो अब आडवानी जी कि बात पर कभी भी बिस्वास नही करेंगे । मनमोहन जी को कमजोर पीएम कह रहे थे।

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