Friday, 28 September 2007

दे दनादन: लूट सको तो लूट लो

टीम इंडिया चैम्पियन होकर लौटी है , स्वागत के लिए पूरी मुम्बई सडकों पर उतर गयी । सबसे ज्यादा ख़ुशी तो हमारे नेताओ को थी । स्वागत करने के लिए उन्होने मंच पर सबसे आगे कि सीट कब्जा ली । मंच पर खिलाडी कम दिख रहे थे और नेता ज्यादा । हर तरफ नेता ही नेता दिख रहे थे । inaamon कि बरसात हो रही थी और साथ ही विश्वविजेता होने का शंखनाद भी। नेताओं की भिड़ में बस हमारे कप्तान को ही अगली पंक्ति में जगह मील पाई। अगर वो भी कप्तान नही होते तो फिर देखते कैसे आगे बैठता ।

अरे भाई कप लाए चलो अच्छा किया । लेकिन ऐसा थोड़े ही होता है कि उसे लेकर तुम्ही देश भर में घुमोगे . ला दिए तुम्हारा काम ख़त्म अब उसे नेता जी को दे दो . चुनाव प्रचार में काम आएगा . हां तुम्हे जब-जब मंच पर बुलाया जाये पहुच जान. टीम में रहना है की नही.

1 comment:

Udan Tashtari said...

मंत्री जी,

जी, जैसा आप आदेश करें.

-आपका सेवक माही