ग्लोबलाइजेशन के बाद इधर अपने नेता जी लोगों के लिए विदेश यात्रा की संभावनाएं काफी बढ़ गयी है। तब से लेकर नेतागिरी के पेशे में आने वाले कुछ पढे-लिखे लोग हमेशा ये कोशिश करते रहे हैं कि जो नेता विदेश जाये उन्हें थोडा स्मार्ट बनाया जाये। अब चुकी ये बात तय नहीं है कि कौन विदेश जाएगा और कौन नहीं। इधर गठबंधन सरकारों के आने से पहली बार विधायक बने या फिर निर्दलीय विधायकों के विदेश जाने कि संभावनाए ज्यादा हो गई है। आख़िर सरकार चलाने की ज्यादा जिम्मेदारी अब उन्ही पर आ गई है। झारखण्ड इसका सबसे अच्छा उदाहर पेश कर रहा है। वहा तो किसी भी विधायक के लिए विदेश यात्रा बहुत ही आसान है, आख़िर निवेश लाने के लिए उनसे बेहतर विदेश यात्रा और कौन कर सकता है।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए झारखण्ड के सारे विधायक जल्द ही जींस, रंग-बिरंगी शर्टे और टोपी पहने दिखाई दे सकते हैं । झारखड विधानसभा के अध्यक्ष्र आलमगीर आलम विधानसभा में एक ड्रेस कोड लागू करने का मन बना चुके हैं। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और स्वतंत्र विधायक इंदर सिंह नामधारी द्वारा ड्रेस कोड का मुद्दा उठाए जाने के बाद आलम ने कहा है कि सभी पार्टियों के नेताओं और विधायकों के साथ बैठक कर ड्रेस कोड की जरूरत पर सहमति बनाई जाएगी। ठीक ऐसा प्रयास केन्द्रिया संसदीय कार्य मंत्री प्रिय रंजन दास मुंशी भी कर चुके हैं। उनका विचार था कि सभी सांसद सूट - में आया करे । लेकिन दरजी के नाम पर सहमति नहीं बन सकी और ये प्लान अभी पूरा नहीं हो पाया है। हम उम्मीद करते है कि जल्द ही ये भी होगा।
2 comments:
I wish you grow.
har neta chahta hoga apni jankari ke admi ko oblige karwana to sahmati kaise banti
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