Wednesday 21 November 2007

देवेगौडा ने लोकतंत्र को उसकी औकात बताई है

देवेगौडा और कुमारस्वामी की जोड़ी ने कर्णाटक के पिच पर जमकर बल्लेबाजी कि है। इस जोड़ी ने लोकतंत्र के नाम पर लंबे-लंबे भाषण देने वाले लोगों को उनकी औकात बता दी है। बाप-बेटे कि इस जोड़ी ने लोकतंत्र को ठीक उसी तरह उसकी औकाद बता दी है जैसे धोनी और युवराज कि अगुवाई में भारत कि युवा टीम ने २०-२० क्रिकेट को उसकी औकाद बता दी थी। जेदिएस ने पहले कांग्रेस के साथ सरकार बनाई फिर भाजपा से सत्ता बाँट लिया। कहा पहले २० माह हम सरकार चलाएंगे फिर अगले २० माह आप चलाना । अपने तक तो ठीक लेकिन जब भाजपा कि बारी आई तो कहा नही हम एक सांप्रदायिक पार्टी को सत्ता नहीं सौप सकते।

राज्य में केन्द्र ने राष्ट्रपति शासन लगा दिया। अचानक एक दिन कुमारस्वामी ने कहा कि हम भाजपा को बिना शर्त समर्थन देने जा रहे हैं। सब चौंके।। लगा कर्णाटक में लोकतंत्र कि जीत हो रही है। चिल-पो मचा इन लोगों ने राष्ट्रपति शासन हत्वा दिया। येदुरप्पा ने सत्ता संभाली। लेकिन सवाल उठा कि जेदिएस कि ओर से उपमुख्यमंत्री का पद कौन संभाले । सहमति नही बनी और येदुरप्पा ७ दिन में ही सत्ता से दूर हो गए। अब फिर दोनो पार्टियों ने एक दुसरे के खिलाफ तलवार निकल ली हैं। लेकिन मैं तो कहूँगा इस तमाशे को लगातार देखने वाले किसी गफलत में नहीं रहेंगे । चुनाव के पहले और बाद में कभी भी कोई भी पार्टी साथ आ सकती हैं और लोकतंत्र की ऐसी कि तैसी कर सकती है। आख़िर कर्णाटक में मुख्य खिलाडी पितामह देवेगौडा जी जो हैं। अपने बेटों के लिए तो वो कुछ भी कर सकते हैं, आख़िर वे अपने बेटों के बारे में नहीं सोचेंगे तो कौन सोचेंगे। वैसे ही देश में बेरोजगारी बहुत बढ़ गयी है।

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