tag:blogger.com,1999:blog-1424867984077323761.post8682524566416007296..comments2023-10-31T22:06:57.902+05:30Comments on इंडियन तमाशा: 'काश मैं किसी अमीर का कुत्ता ही होता'Sundip Kumar Singhhttp://www.blogger.com/profile/17177826064234664748noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-1424867984077323761.post-36902874488201955392007-06-06T10:12:00.000+05:302007-06-06T10:12:00.000+05:30क्या कहें, इंसान इंसान को भूल कूत्ते को गले लगाता ...क्या कहें, इंसान इंसान को भूल कूत्ते को गले लगाता है, और कुत्ता कुत्तापन भूल इंसानो के बीच खुद को सुरक्षित महसुस पाता है.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1424867984077323761.post-27512058136642597112007-06-06T02:16:00.000+05:302007-06-06T02:16:00.000+05:30:) अब क्या कहें, आप तो खुद ही सब समझते हो.:) अब क्या कहें, आप तो खुद ही सब समझते हो.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1424867984077323761.post-44718604779749884522007-06-06T01:23:00.000+05:302007-06-06T01:23:00.000+05:30दुखी क्यों होते हो मित्र। अमीर आदमी बनने और उसका क...दुखी क्यों होते हो मित्र। अमीर आदमी बनने और उसका कुत्ता बनने, दोनों का विकल्प खुला है। अमीर बन जाएँगे तो कुत्ते आ जाएँगे, वर्ना आप भी कुत्ते बनकर मलाई खा सकते हैं। क्या प्रेरणादायक पुरूषों की कमी है।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1424867984077323761.post-84797805712162467122007-06-06T00:24:00.000+05:302007-06-06T00:24:00.000+05:30वाह संदीप भाई... इसी बात पर काका हाथरसी की एक कवित...वाह संदीप भाई... इसी बात पर काका हाथरसी की एक कविता सुनिये!<BR/><BR/> <BR/>पिल्ला बैठा कार में, मानुष ढोवें बोझ <BR/>भेद न इसका मिल सका, बहुत लगाई खोज <BR/><BR/>बहुत लगाई खोज, रोज़ साबुन से नहाता<BR/>देवी जी के हाथ, दूध से रोटी खाता <BR/><BR/>कहँ 'काका' कवि, माँगत हूँ वर चिल्ला-चिल्ला<BR/>पुनर्जन्म में प्रभो! बनाना हमको पिल्लाAnonymousnoreply@blogger.com