Tuesday 18 June 2013

कल्लन काका की चिंता...कोई मुझे भी सेकुलर कह दे..

मेरे गांव के लोकप्रिय सरपंच कल्लन काका इन दिनों नई चिंताओं से घिरे हुए हैं। देश में सेकुलर कहलाने की होड़ लगी हुई है। जिसे देखों वहीं खुद को सेकुलर कहलाने में लगा हुआ है और अबतक किसी ने उन्हें सेकुलर नहीं कहा। आज अचानक सुबह चौपाल पर बैठे-बैठे कल्लन काका के दाहिने हाथ मोहन ने विचार दिया कि क्यों नहीं जल्दी से जल्दी खुद को सेकुलर घोषित करवा ही लिया जाए। अब सवाल उठा कि किससे इसकी घोषणा करवाई जाए। कल्लन काका के राजनैतिक सलाहकार पप्पू पांडे ने अपनी जुबां खोली--भईया राजनेताओं की इन दिनों लोकप्रियता थोड़ी कम है और उसमें बेदाग छवि के राजनेता खोजने में काफी वक्त लग सकता है। क्रिकेटर भी ठीक नहीं रहेंगे क्योंकि इन दिनों फिक्सिंग के फेर में कईयों के नाम बदनाम हो गए हैं। फिर कुर्सी से उछलते हुए लोचन ने सलाह ही कि इसके लिए फिल्मी दुनिया से किसी को लाया जाए...आने वाला वक्त सनी लियोनी जैसी अदाकाराओं का हैं इसलिए उन्हें अप्रोच किया जाए। काका के दाए बैठे मोहन ने कहा कि इतनी बड़ी हस्ती के पास हमारे लिए वक्त कहां से होगा सो मेरे विचार में गांव की डांस पार्टी की हिरोईन चंपा से ही कल्लन काका को सेकुलर कहलवा दिया जाए..युवाओं में वह काफी लोकप्रिय भी है। अभी कल ही की बात है उत्तर टोले के रमेश ने चंपा की बुराई करने पर अपनी वीवी को क्या दुरूस्त किया था। पड़ोसियों के हस्तक्षेप के बाद ही हंगामा शांत हो पाया था। कल्लन काका को ये सुझाव पसंद आया..इसके लिए रविवार का दिन तय हुआ क्योंकि इस दिन ज्यादा से ज्यादा लोग गांव में रहेंगे। कार्यक्रम की तैयारियां शुरू हो गईं। रविवार का दिन भी आ गया। कल्लन काका और उनकी पूरी कोर टीम मंच पर थी और तभी मुख्य अतिथि के रूप में चंपा का स्टेज पर आगमन हुआ। चंपा ने अपनी अदाओं के साथ भीड़ की ओर हाथ हिलाकर अभिवादन किया...वहां मौजूद युवाओं का उत्साह और जोश मानो आसमान पर चढ़ता नज़र आया। आते ही चंपा जी ने कहा कि मेरे प्रिय गांववासियों आज मै आपके प्रिय नेता और जनसेवक कल्लन जी के सौजन्य से आपके बीच हूं..मुझे आपके सामने लाकर उन्होंने साबित कर दिया है कि वही असली सेकुलर हैं। इसके साथ ही जनता की भीड़ में खड़े कल्लन काका के समर्थकों के बीच से नारा गूंज उठा..."आज का असली सेकुलर कौन..कल्लन काका..कल्लन काका"..मंच पर बैठे कल्लन काका का सीना गर्व से चौड़ा हो गया और उन्होंने तय कर लिया कि इस बार वे सरपंच के चुनाव में अपनी सेकुलर छवि और चंपा फैक्टर के साथ युवाओं के बीच जाएंगे। उनके समर्थक और रणनीतिकार भी खुश थे कि इस बार के चुनाव का एजेंडा तय हो गया और मीटिंग में बेवजह की माथापच्ची नहीं करनी पड़ेगी।